चमोली में नाबालिग छात्रों के यौन उत्पीड़न के आरोप में अतिथि शिक्षक युनूस अंसारी गिरफ्तार
चमोली : पुलिस ने एक अतिथि प्रवक्ता युनूस अंसारी को दो नाबालिग छात्र-छात्रा के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी को उत्तर प्रदेश के बिजनौर से 12 घंटे के भीतर गिरफ्तार किया गया।
आरोपी युनूस अंसारी राजकीय इंटर कॉलेज गौणा में अतिथि प्रवक्ता था। उसने अपने ही कमरे पर ट्यूशन पढ़ने आये छात्रों से परीक्षा में फेल करने की धमकी देकर दो नाबालिग छात्रों के साथ यौन उत्पीड़न किया। मामला 30 नवंबर 2025 को सामने आया जब पीड़ित पक्ष के परिजनों ने कोतवाली चमोली में तहरीर दी।
बताया जा रहा है कि जैंसे ही आरोपी युनूस अंसारी को लगा कि उसकी शिकायत पीड़ित छात्रों ने अपने परिजनों से कर दी है । तो उसके बाद आरोपी शिक्षक बचने के लिए 28 नवंबर को ज़िला शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचा जहाँ वो ज़िला शिक्षा अधिकारी के पास अपने को बचाने का प्रयास करता रहा बताया जा रहा है कि आरोपी शिक्षक दो दिनों तक ज़िला शिक्षा अधिकारी के सामने गिड़गिड़ाता रहा लेकिन अब सवाल यह है कि शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में संज्ञान क्यों नहीं लिया ।
पुलिस ने आरोपी को जलालाबाद बिजनौर से गिरफ्तार किया और उसे 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार पुरसाड़ी भेज दिया है। पुलिस अधीक्षक चमोली सुरजीत सिंह पंवार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ उपनिरीक्षक विजय प्रकाश के नेतृत्व में एक विशेष पुलिस टीम गठित की। टीम ने सर्विलांस, तकनीकी विश्लेषण और लगातार सुरागरसी का सहारा लेकर आरोपी को गिरफ्तार किया।

पुलिस टीम को 2500 रुपये का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।
आपको बतादें चमोली जिले में नाबालिक छात्र का यौन शोषण व छात्रा के साथ छेड़खानी करने वाले अतिथि शिक्षक युनुस अंसारी के कई कच्चे चिट्ठे सामने आ रहे हैं।
चमोली जिले के एक इंटर कॉलेज में तैनात अतिथि शिक्षक युनूस अंसारी ने न कवेल उस गांव की अस्मिता के साथ खिलवाड़ किया बल्कि उस गांव के नाबालिक छात्र का यौन शोषण व छात्रा के साथ छेड़खानी भी करता रहा। राजनीति विज्ञान में अतिथि शिक्षक के तौर पर यहां तैनात युनुस अंसारी को गांव वालों ने एक शिक्षक के तौर पर खूब मान सम्मान दिया । लेकिन युनूस अंसारी ने भोले भाले ग्रामीणों की मासूम बच्चों से घिनौनी हरकत कर डाली। जिसके बाद ग्रामीणों में गुस्से का माहौल है।
युनूस अंसारी नाम के इस शिक्षक के कई काले कारनामे सामने आ रहे हैं।
बताया गया कि युनूस अंसारी के पिता की चमोली में काफी पहले राशन की दुकान हुआ करती थी लेकिन 20 वर्ष से अधिक समय पहले युनूस अंसारी के पिता ने अपनी दुकान बंद करके अपने घर परिवार सहित यूपी के जलालाबाद (नजीमाबाद) चले गये थे ।
अब सवाल ये उठता है कि 20 वर्ष से अधिक समय पहले युनूस अंसारी चमोली से यूपी चले गये थे ।उसके बाद भी चमोली तहसील से उनको स्थाई प्रमाणपत्र जारी किया गया ।और यही नहीं बताया जाता है कि पूर्व में भी युनूस अंसारी के छोटे भाई चमोली में एक सीडी कांड में भी शामिल थे जो उस समय काफी चर्चित रहा था और तब चमोली जिल्ले में इसको लेकर काफी बवाल मचा हुआ था ।

अब इस आधार कार्ड को देखिए – जो यूपी के बिजनौर जिले के कचहरी सराय जलालाबाद का जहां आरोपी युनूस का पूरा परिवार रहता है वहीं आपको जानकर हैरानी होगी कि अधिकारियों की मिलीभगत से युनूस ने चमोली जिले के क्षेत्रपाल इलाके का स्थाई निवास प्रमाणपत्र भी 2010 में बनवा लिया।

स्थानीय लोगों ने बताया कि युनूस के पिता ने तो कुछ वर्षों पूर्व यहां नजूल भूमि की जमीन का पट्टा भी अपने नाम करवा लिया था।
मूल रूप से बिजनौर के रहने वाले युनूस को चमोली के स्थाई प्रमाणपत्र के आधार पर अतिथि शिक्षक की नौकरी भी मिल गई।
अब बड़ा सवाल ये हैं कि आखिर वो अधिकारी कौन हैं जो बिना जांचें परखे स्थाई निवास प्रमाणपत्र बना रहे हैं और अबतक कितने लोगों के इसी तरीके से फर्जी स्थाई प्रमाणपत्र बनवाकर दे चुके हैं ?
वहीं अब प्रशासन द्वारा स्थाई निवास प्रमाणपत्र की जांच करवाने की बात कही जा रही है लेकिन सवाल बड़े हैं कि आखिर कितने मूल निवासियों के हकों पर फर्जी स्थाई प्रमाणपत्रों के माध्यम से डाका डाला जा रहा है।
बताया जा रहा है कि जब युनूस अन्सारी को उस समय पिछड़ी जाति का प्रमाणपत्र जारी करने वाला चमोली तहसील का तत्कालीन तहसीलदार अब बर्तमान में चमोली ज़िले में ही एक तहसील के एसडीएम हैं ।

चमोली जिले के एसपी सुरजीत सिंह पंवार ने बताया अपराधी अतिथि शिक्षक के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर न्यायालय के समक्ष बयान दर्ज करवाकर जेल भेज दिया गया है।



