
चमोली में पाया जाने वाला औषधीय अमेश (सीबकथोर्न): फायदे और उपयोग
चमोली : नीति घाटी के ज़ेलम में इन दिनों सड़क के किनारे पर औषधीय गुणों से भरपूर अमेश (सीबकथोर्न) काफी मात्रा में पाया जा रहा है। जो लोग इसके औषधीय गुणों के बारे में जानते हैं, वे इसे तोड़कर ले जा रहे हैं। चमोली के ऊपरी इलाकों में काफी मात्रा में अमेश पाया जाता है।
अमेश से काफी फायदे होते हैं और अमेश विटामिन सी का भंडार होता है। अमेश में नींबू और आंवला से 20 गुना ज्यादा विटामिन सी होता है। विटामिन सी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। अमेश इम्युनिटी बढ़ाता है और इसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, जिससे बीमारियों से बचे रहते हैं। यह कैंसर से बचाव में भी मदद करता है और अमेश का सेवन शरीर को मजबूत बनाता है और एंटीऑक्सीडेंट की वजह से शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाव होता है। त्वचा और पाचन के लिए अमेश काफी फायदेमंद होता है,यह त्वचा को स्वस्थ रखता है और पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है।
चीन जैसे देशों में इस बहुउपयोगी पौधे से लगभग पांच सौ प्रकार के उत्पाद तैयार कर मार्केट में बेचे जाते हैं। चीन में अमेश का उपयोग विभिन्न उत्पादों में किया जाता है, जो इसके औषधीय और पोषक गुणों का लाभ उठाते हैं।
अमेश का उपयोग जूस बनाकर पी सकते हैं। यह जूस विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है।
इससे चटनी या जैम बना सकते हैं जो खाने में स्वादिष्ट और सेहतमंद होते हैं।
अमेश को हर्बल टी के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
अमेश (सीबकथोर्न) एक बहुउपयोगी पौधा है जिसका उपयोग होम्योपैथिक दवाइयों और सौंदर्य प्रसाधनों में भी किया जाता है। चीन जैसे देशों में इस पौधे से कई तरह के उत्पाद बनाए जाते हैं।
लेकिन चमोली में लोगों को इसकी जानकारी बहुत कम है अगर इसकी जानकारी सही तरीके से लोगों को मिले तो अमेश लोगों का आय का स्रोत भी बन सकता है ।