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शैक्षणिक कैलेंडर अनिवार्य रूप से लागू करें विश्वविद्यालय : डॉ. रावत

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शैक्षणिक कैलेंडर अनिवार्य रूप से लागू करें विश्वविद्यालयः डॉ. धन सिंह रावत

कहा, परीक्षा परिणाम जारी करने के साथ ही प्रवेश प्रक्रिया में भी लायें तेजी

समर्थ पोर्टल की खामियां शीघ्र होंगी दूर, अधिकारियों को दिये निर्देश

देहरादून, 13 जुलाई 2024

प्रदेश में उच्च शिक्षा के अंतर्गत आने वाले सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में सरकार द्वारा जारी शैक्षणिक कैलेंडर अनिवार्य रूप से लागू किया जायेगा। इसके लिये उच्च शिक्षा निदेशालय के साथ ही सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। इसके अलावा पिछले परीक्षा परिणाम समय पर घोषित करने व प्रवेश प्रक्रिया को शैक्षणिक कैलेंडर के अनुरूप पूर्ण करने को कहा गया है ताकि समय पर पठन-पाठन शुरू किया जा सके। भारत सरकार द्वारा संचालित समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिये उच्चाधिकारियों को निर्देशित कर दिया गया है।

सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज यमुना कलॉनी स्थित अपने शासकीय आवास पर उच्च शिक्षा विभाग की बैठक ली। जिसमें उन्होंने एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, एक चुनाव व एक दिक्षांत के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व निदेशक उच्च शिक्षा को राज्य सरकार द्वारा जारी शैक्षणिक कैलेंडर को सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिये। साथ ही विश्वविद्यालय प्रशासन को परीक्षा परीणाम शीघ्र घोषित करते हुये प्रवेश प्रक्रिया को नियत समय के अंतर्गत पूर्ण करने को कहा। डा. रावत ने कहा कि समर्थ पोर्टल के माध्यम से परीक्षा परिणाम घोषित करने व प्रवेश प्रक्रिया सम्मपन्न कराने में आ रही दिक्कतों का शीघ्र समाधान करा लिया जायेगा। इसके लिये उन्होंने मौके पर ही शासन के उच्चाधिकारियों को शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा के साथ ही एनसीसी, एनएसएस, रोवर रेंजर्स के गठन के साथ ही अन्य सामाजिक पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाना चाहिये ताकि युवाओं को गुणवत्तापरक शिक्षा के साथ ही नैतिक व सामाजिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा का भी बेहतर ज्ञान हो। विभागीय मंत्री ने लोक पर्व हरेला पर प्रत्येक शिक्षण संस्थान में 20- 20 पौधे रोपे जाने का अह्वान किया।

राज्य में निजी कोचिंग सेंटरों के संचालन को बनेगी पॉलिसी

प्रदेश में निजी कोचिंग सेंटरों के संचालन के लिये राज्य सरकार नई पॉलिसी तैयार करेगी। इसके लिये उच्च शिक्षा विभाग व विद्यालयी शिक्षा के अधिकारियों के साथ बैठक में सैद्धांतिक सहमति बन गई है। शीघ्र ही हितधारकों के साथ बैठक कर उनसे भी सुझाव ले लिये जायेंगे, ताकि छात्र-छात्रों एवं कोचिंग संचालकों दोनों के हितों को सुरक्षित किया जा सके।

सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज उच्च शिक्षा विभाग की बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी कोचिंग केन्द्रों के विनियमन हेतु जारी दिशा- निर्देशों को राज्य में लागू करने को लेकर अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की।

डॉ. रावत ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों, शिक्षाविदों व प्रशासनिक अधिकारियों ने उक्त अधिनियम को उत्तराखंड में भी लागू करने पर सहमति जताई है। जिसके तहत निजी कोचिंग सेंटरों के पंजीकरण हेतु जनपद स्तर पर पंजीकरण प्राधिकारी नामित किया जायेगा। इसके अलावा किसी भी विवाद के समाधान हेतु जनपद स्तर पर ही अपीलीय प्राधिकारी का भी गठन होगा। साथ ही प्रत्येक जनपद में एक रेगुलेटरी बॉडी का भी गठन किया जायेगा, जो निजी कोचिंग संस्थानों का भ्रमण कर निर्धारित मानकों का परीक्षण करते हुये अपनी रिपोर्ट पंजीकरण प्राधिकारी को सौंपेगी उसके उपरांत ही संबंधित केन्द्र का पंजीकरण किया जायेगा। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र राज्य कैबिनेट में प्रस्तुत किया जायेगा।

बैठक में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, सलाहकार रूसा प्रो. एम.एस.एम. रावत, प्रो. के.डी. पुरोहित, निदेशक उच्च शिक्षा डा. अंजू अग्रवाल, उप सचिव उच्च शिक्षा ब्योमेश दुबे, संयुक्त निदेशक डा. ए.एस. उनियाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे जबकि सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुये।

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