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अच्छी पहल : चमोली पुलिस की सड़क पर लगाए गढ़वाली स्लोगन…

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चमोली : चमोली पुलिस उत्तराखंड की बोली के माध्यम से आमजन को जागरूक कर रही है सड़क सुरक्षा के लिए चमोली पुलिस द्वारा कै बे ना कर मठुमठु चल…. गढ़वाली भाषा के साइन बोर्ड लोगों को खूब भा रहे हैं जनपद में बैरियर समेत 50 से अधिक स्थानों पर गढ़वाली भाषा में लिखे साइन बोर्ड के जरिए सड़क सुरक्षा का बीड़ा उठाकर सुरक्षित यातायात की कवायद प्रारंभ कर दी गई है

दरअसल तेज गति से वाहनों को चला कर यातायात नियमों की अवहेलना लोगों की आदत में सुमार हो गया है ऐसे में चमोली में पुलिस ने सुरक्षित जीवन के लिए सड़कों पर तेज गति से वाहन चलाने यातायात नियमों का पालन करने और दोपहिया वाहनों को बिना हेलमेट के न चलाने का संदेश और आग्रह गढ़वाली भाषा में जारी किया है जिले की सीमा के सभी चेकिंग पॉइंट बेरियर्स तथा अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर लगे पुलिस के साइन बोर्ड अब लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बने हैं। गढ़वाली भाषा में अपणी सुरक्षा अपणी सतर्कता, जबार गाड़ी चलोण तबरि फोन नि चलोण समेत तमाम अपील लोगों को खूब भा रही है ।

इस मामले में प्रख्यात लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी के गीत की तर्ज पर चमोली पुलिस के द्वारा कै बे ना कर मठुमठु चल…. संदेश खूब हिट हो रहा है इस संदेश को पढ़कर हर कोई यातायात नियमों के अनुपालन को अपनी जीवन की सुरक्षा का हिस्सा मान रहा है इस मामले में चमोली की पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे ने बताया कि यातायात नियमों का सही ढंग से अनुपालन कराने को चमोली पुलिस सतर्क है नियमों के अनुपालन के लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत कार्यवाही तो की ही जा रही है अपितु जिले के सभी बैरियरों समेत 50 से अधिक स्थानों पर गढ़वाली तथा हिंदी भाषा में यातायात नियमों के पालन के संदेश दिए जा रहे हैं।बताया कि सड़क दुर्घटना से संबंधित जानकारियां कारणों और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस तैयार करने की कवायद चल रही है इसके लिए जिले में प्रशिक्षण का आयोजन भी किया जा रहा है।

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