चमोली : आगामी 8 मई को भगवान बदरीविशाल के कपाट आम शृदालुओ के लिए खोले जाने हैं,जिसकी तैयारियों और व्यवस्थाओं का जायज़ा लेने के लिए उत्तराखंड के मुख्य सचिव डा0 एस.एस संधू आज चमोली दौरे पर रहे,इस दौरान मुख्य साचिव ने गोविंदघाट और बद्रीनाथ धाम पहुँचकर हेमकुंड साहिब और बद्रीनाथ यात्रा व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया। डा0 संधू 11:30 पर चापर के ज़रिए गोविंदघाट पहुँच कर गुरद्वारे में मत्था टेका और उसके बाद उन्होंने हेमकुंड साहिब पैदल मार्ग का पुलना गाँव तक निरक्षण किया।
जिसके बाद उन्होंने गोविंदघाट गुरुद्वारे में बैठक कर 22 मई को सिखों के पवित्र स्थल हेमकुंड साहिब के कपाट खोले जाने की तैयारियों को लेकर अधिकारियों की बैठक लेते हुए हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने से पूर्व सभी वयवस्थाओ को जुटाने के निर्देश दिए।जिसके बाद मुख्य सचिव चापर से ही बद्रीनाथ धाम पहुँचे,यंहा उन्होंने बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत चल रहे कार्यों का स्थलीय निरक्षण कर समय से कार्य पूरे करने के निर्देश दिए।बीआरओ के अतिथि ग्रह में मुख्य सचिव ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि कपाट खुलने के बाद वह प्रत्येक माह बद्रीनाथ धाम पहुँचकर मास्टर प्लान के तहत किए जा रहे कार्यों का जायज़ा लेंगे।
बता दे क़ि बीते 2 वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण सीमित संख्या में तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुँचे थे।लेकिन इस साल बद्रीनाथ धाम के होटलों में जून माह तक की ट्रैवल एजेंसियों द्वारा एडवांस बुकिंग की जा चुकी हैं,इसी बात से साफ़ अंदाज़ा लगाया जा सकता हैं क़ि इस साल बड़ी संख्या में तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुँचेंगे।लेकिन बद्रीनाथ धाम मे मास्टरप्लान के किए जा रहे निर्माण कार्यों के चलते कुछ होटलों धर्मशालाओ और सरकारी अतिथि गृहो को ध्वस्त किया गया हैं।जिस कारण बड़ी संख्या में बद्रीनाथ धाम पहुँचने वाले यात्रियों को रात में रुकने की समस्या से दो चार होना पड़ सकता हैं।
बद्रीनाथ धाम पहुँचे मुख्य सचिव एस.एस संधू ने कहा कि कपाट खुलने से पूर्व धामों में सभी ज़रूरी वयवस्थाए जुटाने के निर्देश के साथ साथ अधूरे पड़े निर्माणकार्यों को पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दें दिए गए हैं।बद्रीनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की रुकने की वयवस्थाओ को लेकर उन्होंने कहा कि देहरादून में इस मामले को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक देहरादून में की जा चुकी हैं,ताकि तीर्थयात्रियों को बद्रीनाथ धाम में रुकने में कोई दिक़्क़त न हो।