चमोली में क्लस्टर आधारित बागवानी का सपना साकार, 200 से अधिक काश्तकार लाभान्वित
चमोली जिले में क्लस्टर आधारित बागवानी का सपना साकार हो रहा है। मुख्यमंत्री जी के दिशा निर्देश में विभिन्न फसलों के अन्तर्गत क्लस्टर आधारित विकास मॉडल तैयार किया गया है। उद्यान विभाग द्वारा लिलियम, मशरूम, कीवी इत्यादि फसलों का विकास किया जा रहा है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में शीतकालीन फलपौध रोपण के अन्तर्गत अलग-अलग विकासखण्डों में सेब पौध रोपण एवं उत्पादन हेतु 6 क्लस्टरों का चयन किया गया है। इन क्लस्टरों को विकसित करने के लिए जिला योजना के अन्तर्गत घेरबाड, सिंचाई टैंक का निर्माण किया गया है।
काश्तकारों को फल पौध विभाग में संचालित बागवानी मिशन के अन्तर्गत लाभान्वित किया गया है। साथ ही राज्य सैक्टर के अंतर्गत संचालित निःशुल्क फल पौध योजना के माध्यम से भी जनपद के काश्तकारों को इस योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
वर्ष 2024-25 में सेब पौध रोपण के अन्तर्गत 26.00 हेक्टेयर में फल पौध रोपण का कार्य किया जा रहा है। इससे जनपद के 200 से अधिक काश्तकार लाभान्वित हुए हैं।
ग्राम सभा ईडा संणकोट में नवाचार के अन्तर्गत 2500 पौध सेब क्लोनल रूट आधारित रोपित किए गए हैं। विकासखण्ड नन्दानगर के ग्राम सभा घूनी में स्वयं सहायता समूहों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए 4500 पौधों का रोपण कार्य किया जा रहा है।
विकासखण्ड जोशीमठ के बड़ागांव क्लस्टर में सेब की विभिन्न प्रजातियों का रोपण कार्य किया गया है। इस योजना से बड़ागांव क्लस्टर में 32 कृषक लाभान्वित हुए हैं।
जिलाधिकारी चमोली द्वारा माह सितम्बर 2024 में कृषि, उद्यान एवं ग्राम्य विकास विभाग की संयुक्त बैठक आहूत की गई। इसमें क्लस्टर आधारित खेती को बढ़ावा देने की कार्य योजना बनाई गई।
आगामी माह मार्च में ओरियेंटल लिलियम उत्पादन की जनपद में पहली बार कार्ययोजना बनाई गई है। जिलाधिकारी डा० संदीप तिवारी द्वारा दिए गए निर्देश के अनुपालन में मुख्य कृषि अधिकारी द्वारा क्लस्टर आधारित खेती के अन्तर्गत गेंदा पुष्प एवं ओरिएंटल लिलियम उत्पादन हेतु कार्ययोजना बनाई गई है।