
चमोली में मौसम की बेरुखी से बढ़ता संकट
चमोली : पहाड़ों में मौसम की बेरुखी अब जनजीवन पर भारी पड़ने लगी है।दिसंबर दस्तक दे रहा है, लेकिन चमोली जिले में स्थित विश्व प्रसिद्ध स्की डेस्टिनेशन औली बुग्याल और जोशीमठ के आसपास की पर्वत श्रृंखलाएं इस बार बर्फ से तर बतर दिखने के बजाय पूरी तरह बर्फ-बिहीन नजर आ रही हैं।

यहां अमूमन हर साल सितंबर और अक्टूबर से ही ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी शुरू हो जाती थी, लेकिन इस बार नंदा देवी, हाथी घोड़ा पालकी, द्रोणागिरी, मुकुट पर्वत, त्रिशूली और ब्रह्मकमल पर्वत जैसी ऊँची चोटियाँ भी बर्फ की सफ़ेद चादर से वंचित हैं।
नतीजा पहाड़ों में सूखी ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। रात के समय तापमान माइनस 5 से माइनस 10 डिग्री तक पहुंच रहा है, लेकिन बर्फ कहीं नज़र नहीं आ रही।

बर्फ न पड़ने का असर सिर्फ पर्यटन पर ही नहीं बल्कि फसलीय चक्र और बागवानी पर भी गंभीर संकट खड़ा कर रहा है। सेब, कीवी, राजमा और अन्य सीजनल फसलों को आगे भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।

स्थानीय निवासियों और विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और मौसम के अनियमित पैटर्न इस संकट के सबसे बड़े कारण बनकर उभर रहे हैं। सवाल ये है कि क्या आने वाले दिनों में पहाड़ों में बर्फबारी होगी, ऐंसें में अभी से कुछ कहना मुश्किल है। यदि समय पर बर्फबारी न हुई तो पहाड़ों में पर्यटन से लेकर खेती तक पर पड़ने वाले इस नुकसान की भरपाई करना संभव नहीं है।



