चमोली : एसटीपी प्रकरण में नया खुलासा सामने आया है जिसमें चमोली पुलिस ने चार लोगों को गिरप्तार किया है उनमें से एक विद्युत विभाग में ठेकदार का आदमी है ,जो महेंद्र बिष्ट जिसे लाइनमैन बताया गया वह एक श्रमिक निकला जिसने 19 जुलाई को एसटीपी की लाइन ठीक की थी और उसके बाद शटडाउन ऑन किया जिसके बाद 4मिनट में ही 16 लोगों की जान चले गई यह एक बहुत बड़ी लापरवाई ही कहेंगे । जो कार्य एक लाइनमैन का था वो एक मजदूर नॉण्टेक्निकल से करवाया गया जिसका अंजाम से 16 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी ।
विद्युत विभाग के एक्शन अमित सक्सेना का कहना है कि 2017 से स्वयं सहायता  समूह (SSG सेल्प हेल्प ग्रुप ) के माध्यम से हमारे यहाँ कार्य कर रहे हैं जिसका ठेकदार जौहरी लाल टम्टा है इनके द्वारा 9 लोग विद्युत विभाग में काम कर रहे हैं जिनमें से दो लोग मीटर रीडिंग का कार्य कर रहे हैं और 7लोग श्रमिक के पद पर कार्य कर रहे हैं अब आप ये लगा लीजिएगा की सब नॉण्टेक्निकल लोग हैं और इनसे ही टेक्निकल याने लाईनमैन का कार्य भी करवाया जाता है कहीं न कहीं इस दुर्घटना का मुख्य कारण ये भी देखा जा रहा है ।
विद्युत विभाग के एक्शन अमित सक्सेना का कहना है कि एक बीपीएल परिवार से भी कम खर्च होती थी चमोली एसटीपी प्लांट की बिजली –
ये हैं आंकडे बिजली खपत के
जनवरी -25 यूनिट, फरवरी -96 यूनिट ,मार्च -40 यूनिट ,अप्रैल -37 यूनिट , मई -119 यूनिट, जून -68 यूनिट
विद्युत विभाग के एक्शन अमित सक्सेना का यह भी कहना है कि अगर एसटीपी 8घंटे प्रतिदिन कार्य करती है तो एक महा में 8 हजार यूनिट बिजली फूकेगी इसका मतलब ये है कि ये इस एसटीपी को चलाते ही नहीं नहीं हैं और उसके पास में ही एक दूसरा एसटीपी प्लांट भी है इनका जहां करंट लीक होने की सिखायत मिली थी तो वहाँ की लाईन हमने काटी हुई है ।