चमोली : फरवरी महा में ही औषधीय पुष्प बुरांस खिल गया है जबकि बुरांस का फूल मार्च लास्ट या अप्रैल फस्ट वीक में खिलता है और बुरांस का फूल 5 हजार फिट की ऊँचाई पर पाया जाता है ,लेकिन इस बार बुरांस का फूल एक महा पहले ही चमोली के जंगलों में खिला हुआ दिखाई दे रहा है ।
बुरांस का फूल फरवरी महा में खिलने को लेकर जानकार मान रहे हैं कि कहीं न कहीं यह ग्लोबल वार्मिंग का कारण है । उनका यह भी कहना है कि कुछ सालों से देखा जा रहा है कि मौसम में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है जैंसे कि जब बारिश या बर्फबारी होनी चाहिए तब नहीं हो रही है इस वर्ष भी यही देखने को मिला है ।इस बार भी काफी देर में पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी हुई है यही कारण है कि जलवायु में परिवर्तन जल्दी हो गया और पहले ही गर्मी की शुरुवात हो गई जिस कारण बुरांस का फूल एक महा बाद खिलना था और वो समय से पहले ही खिल गया इसका मुख्य कारण जलवायु परिवर्तन है ।
जहां इन दिन ऊँची पहड़ियों पर ग्लेशियर व बर्फ होनी चाहिए थी वह खाली दिखाई दे रहे हैं ये निश्चित है कि ये सब जलवायु परिवर्तन का असर है जो कि समय से पहले हो रहा है ।