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केदारघाटी से 15 हजार से अधिक लोगों का सुरक्षित रेस्क्यू

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केदारघाटी से 15 हजार से अधिक लोगों का सुरक्षित रेस्क्यू, मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में अभियान संपन्न

देहरादून :  मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कुशल नेतृत्व और निर्देशन में केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते रुके यात्रियों का रेस्क्यू अभियान मंगलवार को पूरा हो गया। 31 जुलाई को केदारघाटी में अतिवृष्टि के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गए थे। मुख्यमंत्री ने स्वयं रेस्क्यू अभियान की सतत निगरानी की और प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। मुख्यमंत्री ने दो बार आपदाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया और राहत एवं बचाव कार्यों में लगी टीमों को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए।

 

मुख्यमंत्री ने प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया और 15 हजार से अधिक यात्रियों और स्थानीय लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। इसके अलावा, यात्रा को दोबारा शुरू करने की तैयारियों की समीक्षा के लिए रुद्रप्रयाग पहुंचे और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अतिवृष्टि के कारण 29 स्थानों पर भू-स्खलन हुआ है, जिससे पैदल और सड़क मार्ग अवरुद्ध हुए हैं। पेयजल और विद्युत की लाइनों सहित सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। दूरसंचार सेवाएं भी बाधित हुई हैं। युद्धस्तर पर मरम्मत कार्य चल रहे हैं।

रेस्क्यू अभियान में शामिल एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, पुलिस, जिला प्रशासन, लोक निर्माण विभाग, विद्युत विभाग, पेयजल विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मचारियों ने सराहनीय कार्य किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि 07 अगस्त से केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं प्रारंभ हो जाएंगी और पैदल मार्ग भी एक सप्ताह में सुचारू हो जाएगा।

स्थानीय लोगों ने रेस्क्यू अभियान में जिलाधिकारी सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक डॉ. विशाखा अशोक भदाणे के नेतृत्व की प्रशंसा की। टिहरी जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के नेतृत्व में एक सप्ताह से भी कम समय में 18 मीटर लंबे बैली ब्रिज का निर्माण पूरा हुआ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में केदारघाटी में अतिवृष्टि के चलते रुके 15 हजार से अधिक यात्रियों का सफल रेस्क्यू अभियान संपन्न हुआ। रेस्क्यू और राहत कार्यों के लिए आवश्यक संसाधन और मैनपावर तत्काल उपलब्ध कराए गए। यात्रा को पुनः शुरू करने की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही हैं और हेली सेवाएं 07 अगस्त से शुरू हो जाएंगी। स्थानीय लोगों और अधिकारियों के समन्वय से राहत और बचाव कार्य तेजी से पूर्ण हुए।

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