
गोपेश्वर में पेयजल संकट बेकाबू : दो घंटे जाम, खाली बर्तनों के साथ फूट पड़ा जनाक्रोश — आखिर कब जागेगा विभाग?
चमोली : जिला मुख्यालय गोपेश्वर के पाडुली, पपडियाणा, सुभाषनगर और हल्दापानी समेत कई वार्डों में लगातार पानी न मिलने से नागरिकों का सब्र आखिरकार टूट गया। दो दिनों से एक बूंद पानी न आने के बाद आक्रोशित लोगों ने खाली बर्तनों के साथ चमोली–गोपेश्वर मोटर मार्ग पर धरना देकर दो घंटे तक सड़क जाम कर दी।

दो किलोमीटर तक वाहनों की कतारें लगी रहीं और पुलिस प्रशासन के हाथ-पाँव फूल गए।
लोगों का आरोप साफ़ है— बार-बार पाइप क्यों टूट रही हैं? और हर बार जनता ही क्यों भुगते?
अमृत गंगा पेयजल योजना, जो गोपेश्वर की आधी से अधिक आबादी को पानी देती है, पिछले एक माह से बार-बार ठप हो रही है। 10 किलोमीटर दूर से लाई जा रही इस लाइन के लगातार क्षतिग्रस्त होने से सप्लाई रोज़ाना बाधित हो रही है।
ताज़ा टूट-फूट के कारण कई वार्ड 48 घंटे से पानी की एक बूंद के लिए तरस रहे हैं।
ग़ुस्से में उबलते नागरिकों ने मौके पर पहुंचे विभागीय अधिकारियों को घेरकर पूछा—क्या विभाग को लोगों की जिंदगी की कोई कीमत नहीं?
क्यों हर हफ्ते लाइन फटती है?
किसकी लापरवाही है यह?
खाली घड़ों और बर्तनों की खड़खड़ाहट के बीच स्थानीय महिलाओं ने दर्द भरी आवाज़ में कहा—हम रोज़ कुएं-नालों से पानी ढो रहे हैं… बच्चे स्कूल कैसे जाएंगे? बुजुर्ग क्या करें?
कई लोगों ने बताया कि अगर विभाग समय पर मरम्मत और निगरानी करता, तो बार-बार होने वाली इस दुर्दशा का सामना जनता को नहीं करना पड़ता।
आखिरकार लंबे हंगामे और तीखी बहस के बाद अधिकारियों के आश्वासन पर जाम खोला गया। लेकिन सवाल हवा में अब भी तैर रहा है—

क्या यह सिर्फ आश्वासन है, या वाकई अब गोपेश्वर को राहत मिलेगी?
या फिर कुछ दिनों बाद जनता को फिर इसी सड़क पर बैठना पड़ेगा?



