विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुली
नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक भारत भूषण मारतोलिया ने आज सुबह पर्यटकों के पहले दल को हरी झंडी दिखा कर फूलो की घाटी के लिये रवाना किया।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुली।
नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक भारत भूषण मारतोलिया ने आज सुबह पर्यटकों के पहले दल को हरी झंडी दिखा कर फूलो की घाटी के लिये रवाना किया।
चमोली : यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर फूलो की घाटी के द्वारा आज से पर्यटकों के लिए खोल दिये गये हैं।नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक भारत भूषण मारतोलिया ने आज सुबह पर्यटकों के पहले दल को हरी झंडी दिखा कर फूलो की घाटी के लिये रवाना किया।उन्होंने बताया कि फूलो की घाटी 31 अक्तूबर तक फूलो की घाटी पर्यटकों के लिए खुली रहेगी।
और इस बार जो देशी और विदेशी पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार करना चाहेंगे उनको 2 सौ रुपये का टिकट लेना होगा और विदेशी पर्यटक के लिए 8 सौ रुपये का टिकट लेना होगा तभी जाके पर्यटक फूलों की घाटी के दीदार कर सकते हैं । वहीं फूलों की घाटी के दीदार करने के लिए पर्यटकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है ।
घाटी की खोज 1931 मे प्रसिद्ध ब्रिटिश पर्वतारोही फ्रैंक स्मिथ ने की थी।कॉमेट पर्वतारोहण के बाद रास्ता भटक कर यहां पहुंचे। यहां फूलों की सौन्दर्य देख मंत्रमुग्ध हो गये ।और कुछ दिन घाटी की हसीनवादियों मे बिताये । उन्होने यहां से फूलों की सैंपल लेकर अपने साथ ले गये और वैली फ्लावर नाम से किताब लिखी ।जिसने पूरी दुनिया मे तहलका मचाया ।तभी से घाटी को नयी पहचान मिली। प्रकृति की इस अनमोल खजाने से मारग्रेट लेगी मे अंतत प्रभावित थी ।चार साल यहां बिता कर इसी प्रकृति मे विलिन हो गयी। पर्यटक अपने साथ फूलो की घाटी के हसीन अनुभवों को ले जा रही है। जुलाई अगस्त का महीने मे फूलों की घाटी सभी दुर्लभ प्रजाति के फूल खिले रहते है ।इसी समय ही यहां पर्यटको की भारी भीड़ रहती है। 87.5 वर्ग क्षेत्रफल मे फैली घाटी की जैवविविधता का खजाना देख पर्यटक खुस हो रहे है पुण्पावती की नदी की कल-कल,झर-झर झरते झरने,फूलों की घाटी सौन्दर्य पर्यटको को खासा भा रहा है।घाटी मे ब्ल्यूपपापी, ब्रहमकमल के फूल,को देख पर्यटक देश विदेश से फूलों की घाटी पहुंच रहे है।