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विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुली

नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक भारत भूषण मारतोलिया ने आज सुबह पर्यटकों के पहले दल को हरी झंडी दिखा कर फूलो की घाटी के लिये रवाना किया।

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विश्व धरोहर फूलों की घाटी पर्यटकों के लिए खुली।

नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक भारत भूषण मारतोलिया ने आज सुबह पर्यटकों के पहले दल को हरी झंडी दिखा कर फूलो की घाटी के लिये रवाना किया।

चमोली : यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर फूलो की घाटी के द्वारा आज से पर्यटकों के लिए खोल दिये गये हैं।नंदादेवी राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक भारत भूषण मारतोलिया ने आज सुबह पर्यटकों के पहले दल को हरी झंडी दिखा कर फूलो की घाटी के लिये रवाना किया।उन्होंने बताया कि फूलो की घाटी 31 अक्तूबर तक फूलो की घाटी पर्यटकों के लिए खुली रहेगी।
और इस बार जो देशी और विदेशी पर्यटक फूलों की घाटी का दीदार करना चाहेंगे उनको 2 सौ रुपये का टिकट लेना होगा और विदेशी पर्यटक के लिए 8 सौ रुपये का टिकट लेना होगा तभी जाके पर्यटक फूलों की घाटी के दीदार कर सकते हैं । वहीं फूलों की घाटी के दीदार करने के लिए पर्यटकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है ।

विश्व धरोहर फूलों की घाटी नेशनल पार्क को पर्यटकों एंव प्रकृति प्रेमियों के लिए खोल दिया गया है। फूलों की घाटी पार्क प्रशासन नें पूरे 87.5वर्ग किमी० के ईलाके में सुरक्षा सहित आवाजाही के लिये सभी पैदल पुलों और पगदंडियों को  दुरस्त कर दिया है,मुख्य गेट से लेकर बामड़ धौड़,स्यूचंद मेरी मैमोरी प्वाईंट रिवर साईड तक का पूरा पैदल मार्ग पर्याटकों के आवाजाही के लिये तैयार है,तो  जगह जगह पर वनकर्मियों को  भी तैनात किया गया है, शुरुवात  में ही पर्यटको का एक दल फूलों की घाटी में प्रवेश कर चुका है,जून माह के आरम्भ में  पर्यटकों को  फिलहाल घाटी में पहुंचकर फूलों की विभिन्न प्रजातियों  पोटेंटिला,एस्टर,बटरकैप,प्रिमुला,जिरेनियम  कैम्पान्युला सहित कई प्रकार के दुर्लभ पुष्पों के  अलावा पार्क की दुर्लभ जैवविविधता का दीदार करनें को  मिलेगा। घाटी के प्रति पर्यटकों के बढ़ते आकर्षण से फूलों की घाटी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन भी काफी उत्साहित है।
फूलों की घाटी में पांच सौ से अधिक प्रजातियों के फूल खिलते हैं, जिनमें बहुत सी दुर्लभ प्रजातियां भी हैं। वर्ष 6सितम्बर1982 को  यह क्षेत्र  नेशनल पार्क बना तो  वर्ष 2005 में इस घाटी को यूनेस्को से विश्व धरोहर साईट का दर्जा मिला था। इस समय घाटी का मौसम खुशगवार है और फूल भी खिलने शुरू हो गए हैं। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क प्रशासन के अनुसार तकरीबन 45 प्रजाति के फूल घाटी में अभी खिले हुए हैं। पार्क के डीएफ़ओ नें बताया कि फूलों की घाटी जैव विविधता का अनुपम खजाना है। यहां न केवल सैकड़ों प्रजाति के फूल देखे जा सकते हैं, बल्कि 250 से अधिक प्रजाति के पक्षी 70 प्रजाति की दुर्लभ तितलियां समेत अन्य प्राणियों का प्रवास भी यहां है। वहीं  शहरों  में पड रही गर्मी और यहां के खुशगवार मौसम ने साथ दिया तो इस बार फूलों की घाटी पर्यटकों से गुलजार रहेगी।
फूलों की घाटी खुलने से पर्यटन व्यवसायी भी खासे उत्साहित हैं। फूलों की घाटी पर्यटकों, खासकर विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद रही है। इस बार बदरीनाथ व हेमकुंड की यात्रा करने के बाद पर्यटक फूलों की घाटी का रुख कर रहे हैं। इससे यहां का पर्यटन व्यवसाय चमकने की उम्मीद है।
                     फूलों की घाटी की खोज

घाटी की खोज 1931 मे प्रसिद्ध  ब्रिटिश  पर्वतारोही फ्रैंक  स्मिथ ने की थी।कॉमेट   पर्वतारोहण के बाद रास्ता  भटक  कर यहां पहुंचे। यहां फूलों की सौन्दर्य  देख मंत्रमुग्ध  हो गये ।और कुछ दिन घाटी की हसीनवादियों मे बिताये । उन्होने यहां से फूलों की सैंपल लेकर अपने साथ ले गये और वैली फ्लावर नाम से किताब लिखी ।जिसने पूरी दुनिया मे तहलका मचाया ।तभी से घाटी को नयी पहचान मिली। प्रकृति की इस अनमोल खजाने से मारग्रेट लेगी  मे अंतत प्रभावित  थी ।चार साल यहां बिता कर इसी प्रकृति मे विलिन  हो गयी। पर्यटक अपने साथ फूलो की घाटी के हसीन अनुभवों को ले जा रही है। जुलाई अगस्त का महीने मे फूलों की घाटी सभी दुर्लभ प्रजाति के फूल खिले रहते है ।इसी समय ही यहां पर्यटको  की भारी भीड़  रहती है। 87.5 वर्ग क्षेत्रफल मे फैली घाटी की जैवविविधता का खजाना  देख पर्यटक  खुस हो रहे है पुण्पावती  की नदी की कल-कल,झर-झर झरते  झरने,फूलों की घाटी सौन्दर्य  पर्यटको  को खासा भा रहा है।घाटी मे ब्ल्यूपपापी, ब्रहमकमल के फूल,को देख पर्यटक देश विदेश से फूलों की घाटी पहुंच रहे है।

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