चमोली : वाईव्रैंट विलेजेज के छः गावों के काश्तकारों की नाप भूमि बीoआरoओo द्वारा अधिग्रहण करने के बाद भी काश्तकार मुआवज़ा के लिए दर दर भटक रहे हैं ।
आपको बता दे कि जनपद चमोली के सीमांत क्षेत्र के छः गावों की नाप भूमि बीoआरoओo द्वारा कुरकुती-गमशाली- नीती मोटर मार्ग के किमी 0.00 से 20.00 किमी तक चौड़ीकरण/विस्तारीकरण हेतु चार पांच वर्ष पूर्व अधिग्रहण कर लिया गया था लेकिन अभी तक सीमावर्ती गांव के काश्तकारों को अपने नाप भूमि के बदले बीoआरoओo द्वारा कोई भी मुआवज़ा भुगतान नही किया गया काश्तकार मुआवज़ा के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे है हर समय काश्तकारों को आश्वासन दिया जाता है कि मुआवज़ा की प्रक्रिया अंतिम सीमा पर है मुआवज़ा आवंटन किया जायेगा ऐसे शब्दों का उच्चारण सुन सुन के काश्तकारों में रोष प्रकट है और काश्तकारों और क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने आज जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना से मुलाकात करके अपनी नाराजगी जाहिर की तथा साथ ही चेतावनी भी दी कि जल्दी से जल्दी एक महीने के अंदर काश्तकारों को मुआवज़ा भुगतान नही किया गया या बीoआरoओo द्वारा उचित निर्णय नही लिया गया तो काश्तकार सीमा पर हो रही सड़क चौड़ीकरण/विस्तारीकरण कार्य का विरोध करेगी ।
और कार्यदायी संस्था को काम रोकने के लिए मजबूर करेगी।काश्तकारों का ये भी कहना है कि बीoआरoओo की जो कार्यदायी संस्था ओसिस कंपनी है उस कंपनी के वजह से काश्तकारों को काफी नुकसान हुआ है कैलाशपुर प्रधान श्रीमती सरिता देवी डुंगरियाल का कहना है कि पिछले वर्ष ओसिस कंपनी के द्वारा कैलाशपुर गांव की तीन सौ नाली जमीन जिस पर गांव वाले अपने नगदी फसल राजमा बोया करते थे वहां पर सिंचाई का जो गुल था उसे पूर्ण रूप से कंपनी द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया जिससे उस तीन सौ नाली जमीन को ग्रामीणों ने बंजर ही रखा क्योंकि बिना सिंचाई के उस जमीन पर राजमा बौना पत्थर पर सिर मारना जैसे है। काश्तकारों द्वारा कई बार कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर व उपजिलाधिकारी जोशीमठ को फसल के मुआवज़ा के लिए भी कहा गया लेकिन हर बार काश्तकारों को झूठी आश्वासन दिया गया कि रोड चौड़ीकरण करने के दौरान ही सिंचाई का गुल क्षति ग्रस्त होने के कारण तीन सौ नाली भूमि पर खेती नही हो पाया उस फसल का मुआवज़ा दिया जायेगा परन्तु अभी तक न तो रोड चौड़ीकरण में अधिग्रहण भूमि का मुआवज़ा दिया और न ही कैलाशपुर के काश्तकारों को फसल का कोई मुआवज़ा दिया गया। वहीं फरकिया गांव के पूर्व प्रधान पूरन सिंह का कहना है कि ओसिस कंपनी के द्वारा पिछले तीन वर्षो से उनके उपजाऊ खेत में रेता गिट्टी रखा गया जिस कारण हम अपनी खेत पर कोई भी फसल नही बो पा रहे हैं और कंपनी द्वारा उसका न तो किराया दिया जा रहा है और नही कोई मुआवज़ा।
इसलिए अब ग्रामीणों ने मन बना लिया है कि जैसे ही शीतकालीन प्रवास से लोग अपने मूल गांव पहुंचेंगे तब तक मुआवज़ा नही दिया जाता है तो सभी छः के छः गावों वाले कार्य रोकने के लिए बाध्य होंगे जिसकी जिम्मेदारी ओसिस कम्पनी व बीoआरoओo की होगी।आज जिलाधिकारी चमोली से इस विषय पर चर्चा करने पहुंचे जिसमें पूरन सिंह रावत पूर्व प्रधान फरकिया गांव, बलबीर सिंह रावत,श्रीमती जशोदा देवी प्रधान गमशाली,श्रीमती पीताम्बरी देवी प्रधान बाम्पा,श्रीमती सरिता देवी प्रधान कैलाशपुर और पुष्कर सिंह राणा प्रधान कागा गरपक जिला महामंत्री प्रधान संघ चमोली।आदि ग्रामीण मौजूद थे।