उत्तराखंड

ASP पौड़ी शेखर सुयाल : 22 सितम्बर को ही कमरों की विडीओग्राफ़ी की जा चुकी है…

पुलिस ने रिजार्ट को पहले ही छान मारा था जाँच अधिकारी और पुलिस टीम के पास ,अंकिता हत्या कांड के सभी साक्ष्य मौजूद, बुल्डोजर चलाने या आग लगने से केस पर कोई फर्क नहीं पडेगा… देखें वीडिओ

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उत्तराखण्ड  : अंकिता हत्याकांड मामले में मुख्यआरोपी पुलकित आर्य समेत सभी आरोपी पुलिस की गिरफ़्त में हैं, इधर इस मामले में जहां एक ओर सरकार की सख़्ती के कारण रिज़ॉर्ट मलिक के साथ ही रिजार्ट पर भी बुल्डोजर चला दिया गया, वहीं इस मसले पर अब राजनीति भी शुरू हो गई है ।

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पुलिस और प्रशासन की सख़्ती पर कुछ सवाल भी उठ रहे हैं, कि रिज़ॉर्ट पर बुल्डोज़र चलाने से क्राइम सीन में परिस्थितिजनक साक्ष्यों से कोई छेड़-छाड़ की आशंका है?

ASP पौड़ी शेखर सुयाल ने कहना है कि इससे केस पर कोई फर्क नहीं पङेगा। फ़ोरेंसिक एक्स्पर्ट्स द्वारा घटना में क्राइम सीन, 27 के तहत आरोपियों की निशानदेही पर बॉडी रिकवरी की गई है। यह आरोपियों ने बताया किसी और ने नहीं।

वहीं क़ानूनी जानकारों का कहना है कि यदि आरोपी के निशानदेही पर बॉडी मिलती है यह अपने आप में बड़ा सबूत है। यदि बॉडी नहीं मिलती तो केस कमजोर हो सकता था। अंकिता रिजार्ट में नौकरी करती थी, फोन काल्स और चैट की डिटेल से भी इलेक्ट्रानिक साक्ष्य मिल जाएंगे।

ASP पौड़ी  शेखर सुयाल ने बताया कि पुलिस ने रिजार्ट पहले ही छान मारा था जाँच अधिकारी ने और पुलिस टीम ने 22 सितम्बर को ही पूरे कमरों की विडीओग्राफ़ी की जा चुकी है। ऐसे में बुल्डोजर चलाने या आग लगने से केस पर कोई फर्क नहीं पडेगा क्योंकि घटना नहर पर घटी है। इसके साथ ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी यह तय हो जाएगा।

इस बीच प्रारंभिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अंकिता के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं और पानी में डूबने से मौत दिखाई है। संभवत अंकिता के साथ मारपीट की गयी और फिर उसे नहर में धकेल दिया गया। इस मामले में SIT गठित हो चुकी है और IPS पी. रेणुका की छवि एक कुशल और ईमानदार अफसर की है। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।वहीं कुछ राजनीतिक लोग मासूम की जघन्य हत्या पर भी राजनीति कर रहे हैं जो कि सही नहीं है राजनैतिक मुद्दों पर राजनीति हो तो ठीक है ।

 

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