अंकिता को न्याय दिलाने को धामी सरकार ने की हरसंभव कार्रवाई

अंकिता को न्याय दिलाने को धामी सरकार ने की हरसंभव कार्रवाई
परिवार के साथ खड़ी रही है पूरी उत्तराखण्ड सरकार
जांच को तेजतर्रार आईपीएस रेणुका देवी की अध्यक्षता में गठित की एसआईटी
परिजनों की मांग पर तीन बार बदले गए सरकारी वकील
आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज
देहरादून। उत्तराखण्ड की बेटी अंकिता को न्याय दिलाने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने हरसंभव कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई । यही नहीं तेजतर्रार और कर्मठ आईपीएस अधिकारी पी रेणुका देवी को एसआईटी का मुखिया बनाया गया।
अंकिता की हत्या के बाद आरोपियों को 24 घंटे के अंदर जेल भेजा गया। आरोपी अभी भी सलाखों के पीछे हैं। यही नहीं उनके खिलाफ गैंगस्टर अधिनियम के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया है। कोर्ट में सरकारी अधिवक्ता की ओर से प्रभावी पैरवी की गई है। और यही वजह रही कि आरोपियों की ओर से बार बार दाखिल की गई जमानत अर्जी हर बार खारिज कर दी गई। अंकिता के परिजनों की मांग पर तीन बार सरकारी वकील बदल दिए गए। मामले में 500 पन्नों की चार्ज शीट तैयार की गई। 100 गवाहों के बयान भी शामिल किए गए हैं।
और आज अदालत ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीनों को भा.दं.सं. की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना) और 354 (शारीरिक उत्पीड़न) के तहत दोषी पाया। और कोटद्वार एडीजे कोर्ट ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों सौरभ भास्कर व अंकित गुप्ता को आजीवन कारावास (उम्रकैद) की सजा सुनाई।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पूरी उत्तराखण्ड सरकार इस मामले में लगातार अंकिता के परिवार के साथ खड़ी रही है। अंकिता के परिवार को ₹25 लाख की आर्थिक मदद दी गई। दिवंगत बेटी अंकिता के भाई और उसके पिता को सरकारी नौकरी दी गई है।