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चमोली के आबकारी अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ीं, जानें क्या है मामला

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चमोली के आबकारी अधिकारी दुर्गेश त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ीं, जानें क्या है मामला

विवादों से नाता रखने वाले दुर्गेश कुमार त्रिपाठी को सरकार ने मई 2023 में उत्तरकाशी जिला आबकारी अधिकारी पद पर रहते हुए किया था सस्पेंड।

गोपेश्वर: चमोली जिले के जनप्रिय जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी की नियमानुसार कार्रवाई पर अंगुली उठाने वाले आबककारी अधिकारी दुर्गेश कुमार त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ने वाली है। विवादों से नाता रखने वाले दुर्गेश कुमार त्रिपाठी को सरकार ने मई 2023 में उत्तरकाशी जिला आबकारी अधिकारी पद पर रहते हुए सस्पेंड किया था। तब शासन ने इन पर शासकीय आदेशों की अवहेलना, कार्यों के प्रति लापरवाही और राज्य सरकार को राजस्व की क्षति पहुंचाने जैसे गंभीर आरोप पर सस्पेंड किया गया था। इधर, आबकारी अधिकारी दुर्गेश कुमार त्रिपाठी की मनमानी पर गत दिवस चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने नियमानुसार कार्रवाई की तो कुछ गिरोह और शराब माफिया से जुड़े लोग डीएम की कार्रवाई को गलत बताकर विवादित अफसर की पैरवी में जुट गए हैं। आपको बता दें कि चमोली में डीएम का कार्यभार ग्रहण करते ही डीएम डॉ संदीप तिवारी की कार्यशैली और व्यवहार से जनता बहुत खुश है। डीएम तिवारी हमेशा जनता के लिए समर्पित रहते हैं और ग्राउंड जीरो पर जाकर अपने कामों को पारदर्शी तरीके से करते हैं। उन्होंने कई ऐसे कार्य किए जो चमोली में नजीर बन गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के लोकप्रिय और जनप्रिय जिलाधिकारियों में उनका नाम शामिल है।

 

ऐसे में विवादित आबकारी अधिकारी दुर्गेश कुमार त्रिपाठी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई करने वाले अफसर को कुछ शराब माफियाओं की शह पर आबकारी अधिकारियों द्वारा बेवजह जिलाधिकारी को बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। इन साजिशों के खिलाफ चमोली की जनता और कई जनप्रतिनिधि डीएम के पक्ष में खुलकर आने लगे हैं। लोगों का कहना है कि डीएम ने नियमानुसार जो कार्रवाई है, उसका विरोध करना गलत है। लोग सोशल मीडिया से लेकर डीएम के पक्ष में मुखर हो गए हैं। जबकि आबकारी अधिकारी की सम्पति से लेकर अन्य गतिविधियों की जांच की मांग उठाने लगे हैं। कुछ जनप्रतिधियों ने आबकारी अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोलने की चेतवानी तक दे दी है।

आम नागरिक की तरह रहते डीएम

चमोली के डीएम बेहद सादगी पसंद हैं.यहां तक कि जब वे देहरादून जाते हैं, तब चमोली जिले की सीमा समाप्त होने के बाद अपनी गाड़ी से डीएम चमोली का बोर्ड हटा देते हैं और आम जनता की तरह ट्रैफिक में चलते हैं।

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