चमोली : भू बैकुंठ धाम श्री बद्रीनाथ जी के कपाट आज श्रद्धालुओं के लिए 3:35 मिनट पर अगले 6 माह के लिए बंद कर दिए गए हैं कपाट बंद होने से पूर्व मुख्य पुजारी रावल ने सुबह 4:00 बजे भगवान बद्री विशाल का श्रृंगार फूलों से किया आज भगवान का मुकुट और तिलक भी हीरे की जगह फूलों से ही लगाया जाता है तथा नियमित आरतियों के बाद 10बजे भगवान का बाल भोग लगाया और फिर रावल जी ने दोपहर की पूजा संपन्न करवाई फिर मंदिर में पूजा-अर्चना हुई तथा लक्ष्मी जी के मंदिर में भी पूजा-अर्चना हुई दोपहर 2:00 बजे भगवान को इस साल का रात्रि भोग लगाया गया
तत्पश्चात राहुल जी द्वारा स्त्री का भेष धारण कर मां लक्ष्मी की मूर्ति को गर्भ गृह में लाया गया तथा फिर माणा गांव की कुंवारी कन्याओं के द्वारा बनाई गई उन की कंबल में घी का लेपन कर मां लक्ष्मी और भगवान बद्री विशाल जी को लपेट कर रख दिया गया जो अगले साल कपाट खुलने के दिन खोले जाएंगे और कपाट खुलने के दिन श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में दिया जाएगा बद्रीनाथ कपाट बंद होने के मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम पहुंचे मान्यता है कि भगवान बद्रीनाथ की पूजा 6महा देवता गण करते हैं और 6 माह नर पूजा करते हैं अब शीतकाल में देव ऋषि नारद भगवान बद्री विशाल जी की पूजा करेंगे बद्रीनाथ धाम में और 6 माह बाद कपाट खुलने के बाद भगवान बद्रीविशाल जी की पूजा ग्रीष्म काल में नरो के द्वारा की जाएगी ।