चमोली : बदरीनाथ जी का तेल कलश और शंकराचार्य गद्दी बद्रीनाथ रवाना, श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले आज जोषीमठ के नृसिंह मंदिर में बद्रीनाथ जी के मुख्य्पुजारी और बेद्पठियों सहित धर्माधिकारी जी द्वारा पूजा अर्चना की।
जोशीमठ के नर्शिंह मंदिर शीतकालीन गद्दी स्थल से भगवान् को लगने वाला तेल और जगत गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी बद्रीनाथ के लिय रवांना हो गयी है, आज भगवान् बदरीनाथ जी के मुख्य पुजारी रावल, भगवान् का वाहन गरुड़ जी गाडू घडा तेलकलश, आदि गुरू शकरार्चाय की पवित्र गददी के साथ बद्रीनाथ के बेद्पाठी धर्माधिकारी आज पांडूकेष्वर के लिये रवाना हुई आज शाम को सभी पांडूकेस्वर में रहेंगे और कल 3 बजे बद्रीनाथ धाम पहुचेंगे पांडूकेस्वर से उद्धव जी और कुबेर जी की मूर्ति यात्रा के साथ बद्रीनाथ जायेगी, इस दौरान महिलाओ ने बदरीनारायण के भजन र्कीतन कर भगवान नारायण की षोभा यात्रा निकाली।
टिहरी दरबार से लाई गई गाडू घडा तेल भी आज बदरीनाथ के लिये रवाना की गई जो कि 7 मई बदरीनाथ पहुचेगी यह तेल भगवान बद्रीविशाल के नित्य अभिषेक से पहले श्री बद्रीविशाल की मूर्ति के श्रीगार के दौरान प्रयोग मे लाया जाने वाला तिलो के तेल होता है देश के चार धामों में से प्रमुख धाम भगवान बद्रीविशाल के कपाट खुलने से पूर्व बद्रीनाथ धाम पहुचेगा और कपाट खुलने के बाद भगवान के श्रृीगार मे प्रयोग किये जाने वाले तिलो के तेल को टिहरी स्थित राजा के महल मे महारानी और सुहागिनो के द्वारा निकाला जाता है । और अब यात्रा काल के दौरान भगवान् का श्रींगार में इस तेल का ही लेप लगाया जाता है।
जोशीमठ शीतकालीन गद्दी स्थल से आज भगवान् बदरीनाथ जी का तेल कलश और आदि जगतगुरु शंकराचार्य जी की पवित्र गद्दी बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हो गयी है और 8 मई को भगवान् बद्रीनारायण के कपाट 6 माह के लिए आम श्रधालुओं के लिए खोल दिए जायेंगे ।